
दिल्ली-एनसीआर में शहरी परिवहन को स्वच्छ और स्मार्ट बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, मोबिलिटी प्लेटफॉर्म सिटीफ्लो ने फ्लीट मैनेजमेंट प्रदाता आवेग के साथ साझेदारी की है। इस भागीदारी के तहत, दोनों कंपनियां राजधानी क्षेत्र में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन कर रही हैं। यह सिटीफ्लो की दिल्ली-एनसीआर में पहली इलेक्ट्रिक वाहन पहल है, जिसकी घोषणा 22 जुलाई, 2025 को की गई।
समझौते के अनुसार, आवेग इलेक्ट्रिक बसों का स्वामित्व और रखरखाव संभालेगा, जबकि सिटीफ्लो ग्राहकों के लिए संचालन, रूट प्लानिंग, बुकिंग सिस्टम और सेवा वितरण का प्रबंधन करेगा। ये बसें सिटीफ्लो ब्रांड के तहत चलाई जा रही हैं।
फिलहाल, बसें रोहिणी से डीएलएफ साइबर सिटी और सोहना रोड जैसे उच्च मांग वाले मार्गों पर संचालित की जा रही हैं। सिटीफ्लो का कहना है कि शुरुआती यात्रियों से मिली प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है, खासकर समय पालन, आरामदायक सफर और विश्वसनीयता को लेकर।
सिटीफ्लो के चीफ बिजनेस ऑफिसर और सह-संस्थापक ऋषभ शाह ने कहा कि यह भागीदारी स्वच्छ ऊर्जा और तकनीक-संचालित संचालन को जोड़ती है, जिससे व्यस्त ट्रैफिक या भीड़भाड़ वाली मेट्रो की तुलना में बेहतर विकल्प मिल रहा है।
आवेग के सीईओ विवेक लारोइया ने इस सहयोग को ऑपरेशनल स्केल और सस्टेनेबिलिटी के साथ-साथ ग्राहक सेवा और टेक्नोलॉजी के संगम के रूप में बताया।
सिटीफ्लो वर्तमान में मुंबई और हैदराबाद में भी बस सेवाएं संचालित करता है। कंपनी का लक्ष्य है कि वित्त वर्ष 2026 तक अपने बेड़े का कम से कम 20% भाग इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित किया जाए, जिसे आगे बैटरी तकनीक और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के साथ बढ़ाया जाएगा।
यह साझेदारी सिटीफ्लो के हाइब्रिड विस्तार मॉडल का हिस्सा है, जिसमें कंपनी संचालन पर नियंत्रण रखते हुए पार्टनरशिप के माध्यम से विभिन्न शहरों में अपनी सेवाएं स्केल करती है। वहीं, आवेग कॉर्पोरेट और सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और संसाधनों के अनुकूलन पर केंद्रित है।
सिटीफ्लो खुद को एक मोबिलिटी प्लेटफॉर्म और बस ऑपरेटर के रूप में प्रस्तुत करता है, जिसका लक्ष्य भारत के शहरी क्षेत्रों के लिए एक स्वच्छ, भरोसेमंद और इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम विकसित करना है।