
आज, हर रोज काम में आने वाले FMCG से लेकर भारी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन खरीदा जाता है। इंटरनेट और स्मार्टफोन सहित टेक्नॉलजी के आने से ऑनलाइन शॉपिंग में भारी बदलाव देखा गया है।
फाइनेंशियल ईयर 2017 में, संगठित खुदरा बाजार ने कुल खुदरा क्षेत्र का 7% योगदान दिया, जबकि इसके असंगठित समकक्ष ने शेष 93% योगदान दिया। इसके अलावा, 2015 में, ई-खुदरा बिक्री देश में सभी खुदरा बिक्री के 1.7% के आसपास रही। ई-रिटेल का यह हिस्सा 2019 में 4.4% तक बढ़ने की उम्मीद है।
ओमनी-चैनल संस्थाओं और डिजिटलकरण की भूमिका
ऑफलाइन और पूर्ण ऑनलाइन के बीच का फर्क कम होता जा रहा है, ब्रांड्स को वहां मौजूद होना चाहिए जहां अधिकांश ग्राहक मौजूद हो। चाहे वह ऑनलाइन, ऑफलाइन या दोनों हो, ब्रांडों को इस कॉम्पिटिशन के बाजार में ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करना होगा।
हर ब्रांड, को अपनी सभी बेहतरीन सेवाओं के साथ ग्राहकों को संतुष्ट करना जरूरी है। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए डिजिटलीकरण को प्रयोग में लाना चाहिए जिससे कार्य करने में आसानी हो।
यहां 2 अलग-अलग उदाहरण हैं जहां डिजिटलकरण ग्राहक अनुभव को बढ़ा सकता है और ब्रांड प्रतिष्ठा को भी बढ़ावा देता है।
शुद्ध रूप से ऑनलाइन: एक ग्राहक आपके ऐप पर जाता है और आपके न्यूज़लेटर की सदस्यता लेता है। वह अपना ईमेल और फेसबुक आईडी साझा करता है। वह कुछ प्रोडक्ट्स देखता है, शायद कुछ पसंद भी करे लेकिन खरीदारी के बिना बाहर निकलता है। फिर, वह अपनी लाइफ में बिजी हो जाता है और एक अंतिम अधिसूचना उसे उन प्रोडक्ट्स की याद दिलाती है जिसे उसने खरीदने के बारे में सोचा था।
इस बार, वह ग्राहक सेवा केंद्र पर कॉल करता है कर्मचारी उसे उसके नाम से संबोधित करता है,स्वागत करता हैं, उसकी पिछली खरीदारी के बारे में पूछता हैं, पूछता हैं कि क्या उसे न्यूज़लेटर्स पसंद हैं जो उसे मिल रहे हैं और पूछता हैं की क्या उसे अपने वर्तमान के ऑर्डर में मदद चाहिए।बिना किसी संदेह के, इन सवालों के बाद वो ग्राहक सालों तक आपकी ही वेबसाइट से शॉपिंग करना पसंद करेगा क्योंकि उसको आपकी सर्विस अच्छी जरूर लगी होगी ।
ओमनी-चैनल: एक ग्राहक पहली बार ईंट-मोर्टार स्टोर पर जाता है और उसकी ईमेल आईडी और नाम जमा करता है। फिर वह एक प्रोडक्ट की जांच करता है और अंत में ऑनलाइन ऑर्डर देता है। ऑर्डर देने और आसान ऑनलाइन भुगतान करने के बाद, वह कंपनी के स्टोर की एक और भौतिक दुकान पर उसे लेने का फैसला करता है जो उसके कार्यस्थल के नजदीक है।
दुकान में, उसे उसका नाम और ईमेल आईडी दर्ज करनी होती होती है और उसके प्रोडक्ट्स उसको दे दिए जाएंगे। उसे अपने प्रोडक्ट्स के लिए भुगतान करने के लिए कोई अन्य विवरण प्रदान करने या कतार में प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। इस तरह का एक निर्बाध अनुभव केवल तभी पेश किया जा सकता है जब डिजिटलकरण उसकी पूरी क्षमता तक पहुंच जाए।
यह लेख ,वेकफिट.को के को-फाउंडर चैतन्य रामलिंगगोड़ा द्वारा लिखा गया है।