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मध्यम उम्र की महिलाओं को फ्रैंचाइज़ व्यवसाय में इन बाधाओं का करना पड़ता है सामना

Nibedita Mohanta
Nibedita Mohanta Feb 08 2019 - 3 min read
मध्यम उम्र की महिलाओं को फ्रैंचाइज़ व्यवसाय में इन बाधाओं का करना पड़ता है सामना
विश्राम संबंधी छुट्टियां यानी लंबी छुट्टियां जैसे डिलीवरी के बाद लिया जाने वाले अवकाश के बाद महिलाओं के लिए मुश्किल हो जाता है एक बार फिर से अपना काम शुरू करना। जिस कारण अक्सर कुछ महिलाएं फ्रीलांसर नौकरियां या फ्रेंचाइज़ी के तौर पर काम करना शुरू कर देती है ताकि वे लचीले काम के घंटों के साथ अपनी व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जिम्मेदारियों के बीच तारतम्य बिठा सकें।

पामेला बारनिस, सीईओ एंड प्रेसीडेंट आफ एनजेंडर हैल्थ ने कहा, 'सभी प्रोफेशनल और विशेष रूप से युवा महिलाओं के लिए अपने आरामदायक जोन से बाहर की दुनिया बहुत ही बड़ी और भयावह होती है। तब तक जब तक हम अपने आपको वहां से बाहर नहीं निकालते है और जोखिम नहीं लेते है। इसके बिना हम प्रोफेशनल सफलता को नहीं पा सकते है और अपनी क्षमता को नहीं समझ पाते है।'

महिलाएं जो 30-40 के आयुवर्ग की होती है अक्सर वे व्यवसाय में जोखिम लेने से घबराती है और इसका प्रभाव अप्रत्यक्ष रूप से व्यवसाय और उनके आत्म सम्मान पर पर पड़ता है। यहां पर हम कुछ बिंदुओं पर चर्चा कर रहें है कि हमें परेशानी को पहचानना चाहिए कि क्यों मध्यम आयु की महिलाएं जोखिम उठाने से घबराती है और वे कैसे अपने इस डर से बाहर निकल सकती है।

हथियार डालने के लक्षण

महिलाएं जो अपना व्यवसाय सबैटिकल छुट्टियों के बाद शुरू करती है, वे युवाओं को नियुक्त करती है,जोकि 20 से 30 साल के आयुवर्ग के होते है। ऐसा देखा गया है कि यह महिलाओं में हथियार डालने के लक्षण होते है और उनका आत्मविश्वास युवाओं के बीच घिरे रहने पर कम हो जाता है। इस मिथक/धारणा को तोड़ने के लिए महिलाओं को उनके साथ बात करनी चाहिए और हमेशा बॉस होने का दिखावा करने से बेहतर है कि वे अपने वहां पर स्वस्थ और खुशनुमा संबंध बनाने का प्रयास करें। इससे काम का वातावरण में भी सुधार आएगा और साथ ही एक-दूसरे की परेशानियों को समझने का अवसर भी मिलेगा।

सामाजिक दबाव

समाज ने यह धारणा बनाई हुई है कि केवल पुरूष ही अच्छे से व्यवसाय कर सकते है। यह लोगों के दिमाग में इतनी गहरी छाप छोड़ गया है कि जब कोई महिला अपना फ्रेंचाइज़ व्यवसाय शुरू करने का प्रयास करती है तब भी उसके दिमाग में यहीं बातें चल रही होती है। एक समय के बाद यह दबाव इतना ज्यादा बढ़ने लगता है कि यह व्यक्ति के आत्मसम्मान को तोड़ देता है। इसलिए महिलाओं को एक दूसरे को प्रेरित करना  चाहिए ताकि वे इस सामाजिक दबाव से बाहर निकल सकें। लिंग समानता ने बहुत सी महिलाओं को रास्ता दिखाया है कि वे व्यवसाय में अपना कदम रखें और सफल बनें। महिलाओं को अपने पर काम करने की आवश्यकता है ताकि वे अपनी जगह या इलाके में और अपने बच्चों के लिए उदाहरण बन सकें। और इसे करने के लिए उन्हें अपने आत्मविश्वास को बनाने के लिए काम करना होगा और सबसे पहले अपनी प्राथमिकताओं को स्थापित करना होना।

खूंटे से बंधें न रहें

महिलाओं को ऐसा लगता है कि व्यवसाय में छोटे जोखिमों को उठाने लिए उन्हें बड़ी राशि खर्च करनी पड़ सकती है। विशेषतौर पर सिंगल माताएं जिन्हें अपने व्यवसाय के साथ-साथ अपने पूरे परिवार की देखभाल करनी होती है। इसलिए वे किसी भी नए बदलाव या नयापन लाने के लिए थोड़े से पैसे खर्च करने में भी घबराती है। कुछ नयापन या कुछ बदलाव के लिए निवेश करना पड़ता है। हो सकता है कि यह बदलाव हर बार काम न करें मगर एक ही तरह की नीरसता आपके व्यवसाय के ग्राहकों को खो सकती है इसलिए एक बार छोटे जोखिम को उठाना महत्वपूर्ण है अगर आप एक सफल फ्रेंचाइज़ी बनना चाहते है।

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