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भारत में परामर्श व्यवसाय कैसे शुरू करें

Nibedita Mohanta
Nibedita Mohanta Sep 22 2018 - 3 min read
भारत में परामर्श व्यवसाय कैसे शुरू करें
कंसलटेंट या परामर्शदाता एक ऐसा व्यक्ति है, जिसके पास कंपनियां, संगठन और व्यव्यसायिक अपनी व्यवस्था का संचालन सुचारू रूप से चलता रहे, इसलिए जाते हैं।

इन दिनों लोग अपने उबाऊ क्युबिकल्स और कॉर्पोरेट जॉब्स में अटक से गए हैं।  इसीलिए वो छोड़ कर खुद का स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं या उद्यमी और व्यवसायी बनने का रास्ता अपना रहे हैं, लेकिन सपने देखना और उन्हें पूरा करना, इनमें बहुत बड़ा फासला होता है।  इसीलिए अपनी कंपनी सुचारू रूप से चलाने के लिए पहले किसी एक विशिष्ट क्षेत्र में महारत हासिल करना जरूरी होता है। 

कंसलटेंट या परामर्शदाता एक ऐसा व्यक्ति है, जिसके पास कंपनियां, संगठन और व्यव्यसायी अपनी व्यवस्था का संचालन सुचारू रूप से चलता रहे, इसलिए जाते हैं।

आजकल कंसलटेंट का व्यवसाय जोरों पर है। आप या तो स्वयं के बल पर, या फिर समान विचार रखने वाले व्यवसायियों के साथ मिलकर अपना कंसल्टिंग व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

भारत में अपना कंसल्टिंग व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे व्यवसायियों के लिए यहां कुछ काम की चीजें दी जा रही हैं:

  1. व्यवसाय पंजीयन

जैसे ही मन में व्यवसाय की योजना उभरती है, उसे कागज़ पर उतारें और पंजीयन करवा लें।  व्यवसाय के पंजीयन से आपके व्यवसाय को एक विश्वसनीयता और वजन प्राप्त होगा। साथ ही, लोगों को शुल्क आकारने के लिए आवश्यक मानसिक बल और आत्मविश्वास भी आपको प्राप्त होगा। और तो और, जब सलाह लेने, क्लाइंट्स पाने या स्टाफ को प्रशिक्षित करने की बात आएगी तब, व्यवसायी कंपनियां औरों के मुकाबले आपको ज्यादा तरजीह देंगी। किसके साथ काम करना है और कितना मूल्य मांगना है, इन बातों की आजादी किसे चाहिए नहीं होती है?

  1. प्रमाणपत्र और लाइसेंसेस - किसी एक विशिष्ट क्षेत्र में विशेषज्ञ के रूप में ख्यात होने के लिए, आपके पास उस दर्जे का ज्ञान होना चाहिए और अपने कार्य की मान्यता मिलने के लिए उस क्षेत्र के लाइसेंसेस प्राप्त करना जरूरी है। अलग-अलग क्षेत्रों में उस विशिष्ट क्षेत्र में विशेषज्ञ बनने के लिए कुछ प्रमाणपत्रों की आवश्यकता होती है। उदहारण के तौर पर, वित्त सलाहकार के पास चार्टर्ड अकाउंटेंट या कॉस्ट अकाउंटेंट के रूप में मान्यता पाने के लिए आईसीएआई का प्रमाणपत्र होना जरूरी है या वेब प्रोग्रामर्स के पास मान्यताप्राप्त आईटी संस्थान/संगठन से प्राप्त हुए प्रमाणपत्र होना आवश्यक है। म्यूच्यूअल फंड्स बेचने के लिए एएमएफआई और बीमा विक्रेताओं को भी आईरडीए के साथ पंजीकृत होना आवश्यक है।
  2. मार्केटिंग और विज्ञापन

कंसल्टिंग ऐसा व्यवसाय है जो अच्छे जनसंपर्क या नेटवर्क के बिना असंभव है। कुछ लोगों को तो कंसल्टिंग नाम का कोई व्यवसाय है और वह स्वतन्त्र रूप से कार्यरत होता है,  इस बात की ज़रा भी कल्पना नहीं होती है। इसीलिए एक साफ़-सुथरा और करारा ब्रोशर बनाएं, जिसमें आपकी विशेषज्ञता, अलग-अलग सेवाओं के लिए आपके शुल्क और आप कैसे दैनिक जीवन में लोगों की मदद कर सकते हैं, ये सब महत्वपूर्ण बातें होनी चाहिए। मुद्दा ये है कि, आप अपने विशिष्ट क्षेत्र की विशेषज्ञता के साथ उनकी मदद के लिए हमेशा उपलब्ध हैं, ये बात उन तक पहुंचानी है। 

  1. रिफरेन्स: आखिरी, लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण बात ये कि जब भी आपका काम समाप्त हो, अपने क्लाइंट से अन्य लोगों को आपके बारे में जरूर बताने के लिए कहें। अगर संभव हो तो, सिफारिश-पात्र मांगें, क्योंकि उससे आपको अपने व्यवसाय का रिकॉर्ड रखने में मदद मिलेगी। और तो और, उन पत्रों के द्वारा आप अन्य क्लाइंट्स को अच्छे रिश्ते बनाने के लिए विश्वास दिला सकते हैं। इस कड़ी प्रतियोगिता के व्यवसाय विश्व में, प्रयासों में कोई कमी छोड़ना नहीं चाहिए। कठोर मेहनत, निष्ठा और चतुराई साथ-साथ चलते हैं।
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